Sarveshwardayal Saksena aur Unka Kavya Sansar / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना और उनका काव्य संसार
Author
: Manju Tripathi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2001
ISBN
: 8171242634
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 132 Pages, Biblio., Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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रचना के क्षेत्र में व्ïयाप्ïत संत्रास, कुण्ïठा, अजनबीपन, निरुद्देश्ïयता, अन्ïतर्मुखता और संशयग्रस्ïत मानसिकता को पीछे ठेलकर सर्वेश्वर का कवि ग्रामीण स्मृतियों एवं संवेदनाओं का रचनात्ïमक उपयोग करते हुए आगे बढ़ा। उसने रचना को ठोस यथार्थ की जमीन से जोड़ा। पूँजीपतियों द्वारा पोषित और संरक्षित पारम्परिक जीवन-मूल्ïयों की निरर्थकता का अनुभव करते हुए उसने उन मूल्ïयों के प्रेरणा स्रोत ईश्ïवर को भी नकार दिया। इसलिए नकार दिया कि उसने देखा कि आज की स्ïवार्थान्ïध और विवेकहीन भोगवादी व्ïयवस्था ने अपनी सारी विकृतियों, अनीतियों एवं अमानवीय व्ïयापारों को छिपाने के लिए उसे ढाल के रूप में इस्ïतेमाल करना शुरू कर दिया है। 'ईश्ïवरÓ का नकार, बहुत बड़े साहस का कार्य था। यह साहस उसी रचनाकार के लिए संभव है जिसे मनुष्ïय की असीम संभावनाओं पर अखण्ïड विश्ïवास हो। कवि सर्वेश्ïवर ने मनुष्ïय के प्रति इसी अखण्ïड आस्ïथा को लेकर व्ïयवस्था को चुनौती दी।