Samalagamala (Viveki Rai ka Sampoorna Kahani Sangraha) / सामलगमला (विवेकी राय का सम्पूर्ण कहानी संग्रह)
Author
: Viveki Rai
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Novels / Fiction / Stories
Publication Year
: 2011
ISBN
: 9788171247608
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 656 Pages; Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 C.M.

MRP ₹ 750

Discount 20%

Offer Price ₹ 600

''गाजीपुर शहर डॉ० विवेकी राय का कुछ नहीं बिगाड़ सका, नगरीय संस्कृति के छींटे भी नहीं पड़े उन पर। हाँ, एक फायदा अवश्य हुआ कि उन्होंने शहर में रहकर साहित्य में प्रयुक्त गँवईपन को बचाने-बढ़ाने तथा उन्हें आम लोगों तक पहुँचाने का नया-नया अस्त्र खोज निकाला। नई व पार?परिक दृष्टि से एक साथ तत्कालीन गाँवों को देखने का तरीका डॉ० राय को खूब मालूम है।ÓÓ —डॉ० नामवर ङ्क्षसह हिन्दी के कहानीकार इसलिए चॢचत-अॢचत हुए कि वे किसी आन्दोलन-विशेष के प्रवक्ता या स्त?भ रहे। कुछ ने अपनी पहचान अपनी चौंकानेवाली कहानियों के जरिये बनाई। लेकिन कुछ कहानीकार बगैर किसी खेमे से जुड़े, बिना किसी चौंकाने वाले मुहावरे के, अपने आस-पास के जीवन यथार्थ को सहज और आत्मीय ढ़ंग से अभिव्यक्त करते रहे हैं। ऐसे कहानीकारों में डॉ० विवेकी राय का नाम शिखरस्थ है। — डॉ० वेदप्रकाश अमिताभ कहानीकार विवेकी राय ने गाँव के समाज, राजनीति, अर्थ, धर्म, संस्कृति, दर्शन और शिक्षा जगत् से स?बन्धित कहानियों की रचना की है। दिन-प्रति-दिन गाँवों में परिवर्तन हो रहे हैं। भाषा, भाव, बोली, विषय तथा परिवेशगत बदलाव का वर्णन वही कर सकता है जिसके हाथ में गाँव की लगाम है। अनुभव, दर्शन और आत्मीयता का मिला-जुला परिणाम विवेकी राय की कहानियाँ कही जा सकती हैं। — डॉ० विजय ङ्क्षशदे