Ganga : Pawan Ganga / गंगा : पावन गंगा
Author
: Shukdeo Singh
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Benares / Kashi / Varanasi / Ganga
Publication Year
: 2002
ISBN
: 9APGPGP
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: viii + 40 Pages, Size : Demy i.e. 12.5 x 14 Cm.

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इस पुस्तक में शिव की गङ्गा, अगस्त्य मुनि की सुवर्ण मुखी गङ्गा, राक्षसों की गङ्गा, गङ्गा का सरस्वती-रोदन, गृृद्धगङ्गा, कालकल्प अभिषेकी गङ्गा के विवेचन के साथ शान्तनु, कृष्ण के मायाकुण्ड, मानसीगङ्गा का तारतम्य बनाया है। गङ्गा माहात्म्य में वैतरणी को भी गङ्गा से सम्बद्ध किया गया है। इस अन्वेषण में गंगोत्री, देवप्रयाग, ऋषीकेश का भी उन्होंने अन्वेषण किया है। गङ्गा से सम्बद्ध सुखताल, विदुरकुटीर, गढ़मुक्तेश्वर, विठूर का इस पुस्तक में विवेचन है। क्या यह विस्मय नहीं है कि गङ्गा के प्रति आस्था के लुप्त होते ही शुद्धजल की बोतलें बाजार में आयी हैं। इसके पहले तो प्रथम से लेकर अन्तिम शुचिता के लिए हम गङ्गा नदी पर निर्भर थे। इसे समझने के लिए गङ्गा के लोकजीवन से सम्बद्ध आस्था प्रतीकों, पूजा-अभिप्रायों, अर्थात् गङ्गा-आरती, आर-पार की माला, गङ्गागीत, दीपदान, विवाहोपरान्त कंकणमोक्ष सम्बन्धी जन विश्वास को परमशुचिता से सम्बद्ध गङ्गा को भी समझने की आवश्यकता है। इस भावनात्मक विचारगङ्गा पर भी संकट आया है।