Jyotish Shastra Evam Antariksha Vigyan [PB] / ज्योतिष शास्त्र एवं अन्तरिक्ष विज्ञान
Author
: D.K. Agrawal
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Astrology & Astronomy
Publication Year
: 2017, 1st Edition
ISBN
: 9789351461708
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xx + 268Pages; Append; Glossary; Size : Royal Octa

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ज्योतिष शास्त्र एवं अन्तरिक्ष विज्ञान
किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय, जो ग्रह (Planets) और नक्षत्र (Constellations) आकाश में जिस स्थिति और स्थान पर विद्यमान होते हैं, उनके ही प्रभाव के आधार पर गणना करके, जन्मकुण्डली (Horoscope) बनाई जाती है। इस जन्मकुण्डली के आधार पर, उस व्यकित् के बारे में जीवन भर उसके साथ होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती है। परन्तु प्राय: देखा गया है कि जो भविष्यवाणियाँ जन्मपत्रों के आधार पर की जाती हैं, उनमें से अधिकतर गलत निकलती हैं। जिसके कारण इस विद्या पर से विश्वास उठता जा रहा है और लोग ज्योतिष-शास्त्र से विमुख होते जा रहे हैं।
ज्योतिष-शास्त्र का अर्थ है—ज्योति (प्रकाश) से सम्बन्धित अर्थात् आकाश में चमकने वाले ग्रह, नक्षत्र, तारों आदि का ज्ञान। ज्योतिषशास्त्र की व्युत्पत्ति 'ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्राम्' की गई है, जिसका अर्थ है कि सूर्य आदि ग्रह और काल की जानकारी कराने वाले शास्त्र को 'ज्योतिष-शास्त्र' कहा जाता है। यह ज्योतिष विद्या पूर्णतया अन्तरिक्ष एवं नक्षत्र विज्ञान (Astronomy) से सम्बन्धित है। हमारी भारतीय संस्कृति 'वेदों' पर आधारित है। भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझने के लिए वेदों का अध्ययन करना आवश्यक है। परन्तु साथ में यह भी कहा गया है कि ज्योतिष-शास्त्र वेदों के नेत्र हैं। जो भी भारतीय संस्कृति में उपलब्ध हुआ है वह प्राचीन ऋषि-मुनियों की पराशक्तियों का ही परिणाम है।