Sanatan Sadhana Ki Gupta Dhara / सनातन साधना की गुप्तधारा
					
					 
					Author
						: Gopinath Kaviraj
Jagdishwar Pal
Vishwanath Mukherjee
						Jagdishwar Pal
Vishwanath Mukherjee
Language
						: Hindi
						Book Type
						: General Book
						Category
						: Adhyatmik (Spiritual & Religious) Literature
						
						Publication Year
						: 2008
						ISBN
						: 9788171246106
						Binding Type
						: Paper Back
						Bibliography
						: vi + 202 Pages, Size : Demy i.e. 21 x 13.5 Cm.
						MRP ₹ 150
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						पंडित गोपीनाथ कविराज इस युग के अलौकिक प्रतिभाशाली मनीषी थे। उनका अध्ययन जितना विस्तृत था, उतनी उनकी मेधा-शक्ति प्रबल थी। जीवन के अन्तिम दिनों तक वे अध्ययन करते रहे और अपनी ज्ञान राशियाँ जिज्ञासुओं में वितरण करते रहे।
अपनी ज्ञान पिपासा को शान्त कराने के लिए उनके निकट बड़े-बड़े योगी, महापुरुष, साधक, ज्ञानी, विद्वान से लेकर सामान्य जन तक आते थे। वेद, वेदानन्त, सांख्य, उपनिषद्, दर्शन, अध्यात्म, योग, पुराण आदि ग्रंथों का उद्धरण देकर वे जिज्ञासुओं की जिज्ञासा शान्त करते थे।
यह ग्रंथ उनके अन्य ग्रंथों से भिन्न है। वस्तुत: इस ग्रंथ में जिज्ञासुओं द्वारा पूछे गये महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर व्याख्या के साथ दिये गये हैं।
इस संकलन में श्रद्धेय कविराजजी ने नादानुसंधान के सम्बन्ध में जैसी चर्चा की है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। इसी प्रकार जप-विज्ञान, गुरुशक्ति, चित्शक्ति, चिदाकाश, समाधि आदि विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रकट किये हैं तो ब्रह्मïदर्शन, आत्मदर्शन, भंगवत् दर्शन की व्याख्या की है।