Rahasyamaya Siddhbhumi Tatha Suryavigyan / रहस्यमय सिद्धभूमि तथा सूर्यविज्ञान
Author
: Gopinath Kaviraj
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Adhyatmik (Spiritual & Religious) Literature
Publication Year
: 2018, 3rd Edition
ISBN
: 9789351460183
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: viii + 144 Pages; Size Demy i.e. 23.5 x 14.5 Cm.

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रहस्यमय सिद्धभूमि तथा सूर्यविज्ञान
सूर्यविज्ञान सम्बन्धित इस ग्रन्थ के विषय में सुविज्ञ पाठकगण से निवेदन है कि इस ग्रन्थ को पढ़कर कोई भी त्रिकाल में सूर्यविज्ञान में निष्णात नहीं हो सकता। इसे पढ़कर योगिराजाधिराज विशुद्धानन्द परमहंसदेव के समान सूर्यविज्ञान जनित सृष्टि चमत्कार करने में भी कोई सफल नहीं हो सकता, क्योंकि यह विज्ञान दीर्घकालीन अध्यवसाय, नियमानुवर्तिता तथा गुरुकृपा से ही प्राप्त हो सकता है। यह प्रायोगिक विज्ञान है। मात्र सैद्धान्तिक नहीं है। जबकि यह ग्रन्थ इसके सैद्धान्तिक पक्ष पर मात्र क्षीण प्रकाश-प्रक्षेपण है। इस ग्रन्थ के संयोजन का मात्र उद्देश्य है ऐसी प्रेरणा देना तथा इच्छा का उद्बोधन कराना, जिससे इस लोकोत्तर विज्ञान के प्रति रुचि का जागरण हो सके। प्रत्येक शास्त्र का यही आशय है। उस-उस शास्त्र का अवगाहन करके व्यक्ति उसमें वर्णित तत्व के प्रति जाग्रत् तथा आकांक्षित होकर तदनुरूप कर्म में व्यापृत हो जाता है। यही इस ग्रन्थ का प्रयोजन है। इस ग्रन्थ में जो कुछ अंकित है वह कोरी कल्पना नहीं है। गुरुमुख से सुने गये, प्रामाणिक ग्रन्थों में वर्णित किये गये तथा प्रत्यक्ष द्रष्टागण द्वारा देखकर पुस्तकाकृति में प्रकाशित किये गये तथ्यों पर यह ग्रन्थ आधारित है। इसमें योगिराजाधिराज विशुद्धानन्ददेव के शिष्य श्री अक्षयकुमार दत्त गुप्त, महामहोपाध्याय डॉ० पं० गोपीनाथ कविराज महोदय के वचनों का मुख्यत: समावेश है। इनमें प्रत्येक की उपलब्धि को उनके नाम से मुद्रित किया गया है, जो मूल से हिन्दी भाषा में मेरे द्वारा अनूदित है। कहीं-कहीं जहाँ इन महापुरुषों द्वारा वर्णित अंश सूत्र रूप में तथा क्लिष्ट अथवा संकेत रूप में है, उनकी अनुवादक द्वारा व्याख्या भी प्रस्तुत की गयी है। पुस्तक के प्रारम्भ में ज्ञानगंज सिद्धभूूमि का भी यथासाध्य वर्णन अंकित है। साथ ही कुछ साधकों की कृतियाँ भी संयोजित हैं।