Kajari / कजरी
Author
: Shanti Jain
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Folklore (Lok Sahitya-Bhojpuri etc.)
Publication Year
: 2015
ISBN
: 9789351460756
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xii + 132 Pages; Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm

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आचार्य कल्याणमल लोढ़ा द्वारा रचित ग्रन्थ 'वाकयोग : अध्यात्म तत्त्व-चिन्तन' में भारतीय अध्यात्म, जीवन-दर्शन एवं संस्कृति के कई महनीय तत्त्वों पर बहुत ही गम्भीर एवं अन्वेषणात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। अशेष सारस्वत साधना के प्रतीक पुरुष आचार्य लोढ़ा ने इसके पूïर्व भी भारतीय धर्म, दर्शन एवं अध्यात्म से सम्बन्धित अनेक विषयों पर कई ग्रन्थों की रचना की है, जिनमें भारतीय जनमानस को हमेशा से उद्बुद्ध करने वाले अनेक तत्त्वों पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। वाक् के विभिन्न रूपों की विवेचना उनकी अन्यतम उपलब्धि है। वे मानते हैं कि ''वाक् ही सृष्टि का मूल मन्त्र है—ज्योति का रूप। सारा विश्व वाक् का ही स्वरूप है।' 'वाकयोग : अध्यात्म तत्त्व-चिन्तन' नामक इस ग्रन्थ में प्रो० लोढ़ा ने मानवीय चिन्तन को उत्कर्ष प्रदान करने वाले विभिन्न तत्त्वों—ब्रह्मïतत्त्व, नादतत्त्व, मन्त्रतत्त्व, धर्मतत्त्व, रहस्यतत्त्व, चेतनातत्त्व एवं काव्यतत्त्व के माध्यम से भारतीय आर्ष-चिन्तन को अध्यात्म और दर्शन, रहस्यवाद, मानवतावाद एवं पाश्चात्य दर्शन के आलोक में विवेचित किया है और उनका गम्भीर अवगाहन-अन्वेषण करते हुए आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उनकी महत्ता एवं उपयोगिता सिद्ध की है। क्योंकि आधुुनिक विज्ञान भी आज अध्यात्म के निकट आने लगा है। रॉबर्ट ब्लीचफोर्ड, हेराल्ïड शोलग, आइन्स्ïटीन, जेम्स जीन जैसे अनेक वैज्ञानिकों ने विज्ञान को अध्यात्म से जोड़कर देखने की चेष्टा की है। यह पुस्तक विज्ञ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है और आशा है वे इसमें विवेचित तत्त्वचिन्तन का अवगाहन करेंगे और भावी विस्तृत अध्ययन का मार्ग प्रशस्त पाएँगे।