Wah Eka Hadasa Tha / वह एक हादसा था
Author
: Baburam Tripathi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Novels / Fiction / Stories
Publication Year
: 2021, First Edition
ISBN
: 9789387643482
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: 116 Pages; Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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 वह एक हादसा था
बाबूराम त्रिपाठी
'मनुष्य के जीवन में कुछ हादसे ऐसे होते हैं, जो उसे बुरी तरह से तोड़ देते हैं, फिर तो उसके जीने का कोई मकसद ही नहीं रह जाता, वह घिसट-घिसट कर अपनी जिन्दगी के बोझ को ढोता है । मैं भी एक ऐसे ही हादसे की शिकार हूँ, जिसके चलते आज जिन्दा लाश बनकर रह गई हूँ और मेरी हँसी-खुशी उस हादसे की आग में जलकर राख हो गयी है।'
-- 'वह एक हादसा था' कहानी से
'यह तो मैं नहीं जानती कि आप मेरे कौन हैं और आपसे मेरा क्या सम्बन्ध है, पर ये आँसू इस ओर संकेत कर रहे हैं कि आपसे मेरा कोई न कोई सम्बन्ध जरूर है, भले ही वह अव्यक्त क्यों न हो। यदि ऐसा न होता, तो इन अभागी आँखों से खुशी के आँसू क्यों निकलते। क्योंकि अभी तक इनसे केवल दु:ख के ही आँसू निकले हैं। अच्छा, अब आपको विलम्ब नहीं करना चाहिए, जाइए, हम लोग आपकी मिठाई का बेसब्री से इन्तजार करेंगे।'
-- 'वह एक हादसा था' कहानी से
लगता है, अपना गाँव कहीं खो गया है। उसे कुछ लोगों ने अन्याय, नफरत और बेईमानी की गुफा में छिपा दिया है, वह दिखाई भले ही नहीं दे रहा है, पर उसके सिसकने की आवाज मेरे कानों तक आ रही है। मैं इसे मुक्त कराना चाहता हूँ। इसके लिए मुझे भले ही अपने प्राणों का आहुति देनी पड़े, पर पीछे नहीं हटूँगा। अत: आप सभी विशेष रूप से जगदीश और नरेन्दर से अनुरोध करता हूँ कि तुम लोग मुझे मेरा गाँव लौटा दो।
-- 'वह एक हादसा था' कहानी से