Brahman Samaj Ka Aitihasik Anushilan / ब्राह्मण समाज का ऐतिहासिक अनुशीलन
Author
: Devendra Nath Shukla
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2022 - 2nd Edition
ISBN
: 9789394914001
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: l + 376 Pages; Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm,

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ब्राह्मण समाज का ऐतिहासिक अनुशीलन
देवेन्द्र नाथ शुक्ल
आर्य संस्कृति के प्रचारक तथा प्रसारक ब्राह्मणों के महत्त्व को किन शब्दों में आँका जाय? भारत के बाहर जहाँ कहीं ये गये, इनके हाथ में लिये गये झण्डों के ऊपर संस्कृत तथा संस्कृति ये दोनों शब्द सर्वदा अङ्कित रहे। इन्होंने अपने साथ चार गकार से आरम्भ होने वाली वस्तुओं का सम्पर्क कभी नहीं छोड़ा। ये चार गकारादि शब्द हैं—गङ्गा, गीता, गायत्री तथा गोमाता। ब्राह्मणों ने अपने नये उपनिवेशों में इन चारों वस्तुओं का प्रसार किया। फलत इन चारों वस्तुओं के प्रचार स्वरूप भारतीय संस्कृति पनपी तथा लोगों में शिक्षा तथा आर्यधर्म का प्रचार हुआ।
इन्ही ब्राह्मणों के मूलस्थान, विस्तार, स्वरूप तथा महत्त्व के अङ्कन का कमनीय कार्य 'ब्राह्मणसमाज का ऐतिहासिक अनुशीलन'  नामक इस नवीन ग्रन्थ में पण्डित देवेन्द्र नाथ शुक्ल ने बड़े परिश्रम, प्रयास तथा निष्ठा से सम्पन्न किया है। ग्रन्थ का प्रणयन अनेक अक्लान्त वर्षों के गम्भीर अनुसन्धान तथा मनन का परिणत फल है। ब्राह्मणों के दो प्रधान भेद हैं—पञ्चगौड तथा पञ्चद्रविड। इनकी उत्पत्ति, विस्तार, क्षेत्रीय संज्ञा, गोत्रप्रवर्तक ऋषि, वर्णव्यवस्था तथा विवाहव्यवस्था आदि विषयों का निरूपण मूलग्रन्थों के अनुशीलन के साहाय्य से इतनी सुन्दरता तथा विद्वता से किया गया है, कि विद्वान लेखक के दीर्घकालीन परिश्रम तथा अध्यवसाय का निरीक्षण कर आश्चर्यचकित होना पड़ता है। मूलग्रन्थों पर आधारित होने से शुक्ल जी का यह ग्रन्थरत्न नितान्त प्रामाणिक, प्रमेय बहुत तथा उपादेय है।