Hans : Kashi Ank : October-November 1933 / हंस : काशी अंक : अक्टूबर-नवम्बर 1933 ई.
Author
: Premchand
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Benares / Kashi / Varanasi / Ganga
Publication Year
: 2022
ISBN
: 9789387643550
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xlvi + 238 Pages, Size : Demy i.e. 23.5 x 18.5 Cm.

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 हंस : काशी अंक
अक्टूबर, नवम्बर 1933 ई0
सम्पादक : प्रेमचन्द

सामने पुरी काशी की रे संकीर्ण, सघन, सुन्दर अपार
नीचे प्रयाग से आ-आकर, कर जाती है गंगा दुलार
मैं खड़ा यहाँ पर उत्सुक हो इस बेला सबकुछ देख रहा
पर नहीं मानती, हठ करती, खींचती मुझे चंचल बयार

दीखता यहाँ से बौद्ध-स्तूप है कहीं पास ही में 'विहार'
है वही हमारा सारनाथ, ऋषिपतन, वरुणा की कछार
बहती होगी फिर वहीं कहीं अब भी वैसी ही मन्द-मन्द
वसुधा की करुणामयी-सरल वरुणा की लघुलघु, विमलधार

इस शान्त अचंचल गंगा में है खेल रही रे कई नाव
ऐसे ही मेरे मन में भी क्रीड़ा करते हैं मधुर भाव
ऐसे ही इस भवसागर में खेला करता यह लघु जीवन
सागर की चंचल लहरों में बह जाते हैं सारे अभाव
-श्रीगोपालसिंह नेपाली