Veli Krisna Rukmani Ree (By Prithviraj Rathora) / वेलि क्रिसन रुकमणी री (राठौडऱाज प्रिथीराज री कही)

Author
: Anand Prakash Dikshit
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 1998
ISBN
: 9VPVKRRP
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 136 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 14 Cm.
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अनुक्रम :
दो शब्द—डॉ० मुंशीराम शर्मा 'सोम' / आत्मकथन—प्रथम संस्करण, द्वितीय संस्करण का प्राक्कथन / तृतीय संस्करण का प्राक्कथन, वेलि की संस्तुति
1. भूमिका
(1)
1. पृथवीराज का जीवन तथा उनकी साहित्य-सेवा / 2. वलिकार की पूर्वकालीन तथा समसामयिक स्थिति / 3. वेलि पर पूर्ववर्ती काव्य का प्रभाव तथा उसका स्वरूप-विधान / 4. राजस्थानी साहित्य और वेलि / 5. वेलि का नामकरण / 6. वेलि ग्रंथों की पर?परा / 7. पूर्व-पर?परा और करमीसीकृत वेलि / 8. वेलि का रचनाकल
(2)
(1) वेलि की कथा का आधार—भागवत, विष्णुपुराण तथा हरिवंश, (2) वेलि की कथा (3) वेलि का काव्य-स्वरूप, (4) वेलि का भावपक्ष :—
1. शृंगार-रस, 2. नखशिक-निरूपण, 3. अन्य रस, 4, रस-विरोध
(5) वेलि का कला पक्ष :—
1. अलंकार, 2. वयणसगाई, 3. शब्द प्रयोग, 4. वेलियो गीत, 5. वेलि में प्रकृति-चित्रण, 6. वेलिकार की बहुशता, 7. वेलि में भक्ति का स्वरूप
(3)
वेलि की तुलना :—
1. भागवत तथा नन्ददास का रुक्णिी-मंगल और बेलि / 2. नरहरि कृत रुक्मिणी-मंगल / 3. रघुराजङ्क्षसहजू देव कृत रुक्मिणी-परिणय / 4. साँया झूला कृत रुखमणी हरण, 5. मुरारिदास वारठ कृत गुणविजै व्याह / 6. वीठलदास कृत रुखमणी हरण / 7. मराठी रुक्मिणी-हरण काव्य।
2. मूल पाठ
3. सरलार्थ