Sikha Dharma Aur Sanskriti / सिख धर्म और संस्कृति
Author
: Amar Singh Wadhan
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Sociology, Religion & Philosophy
Publication Year
: 2006
ISBN
: 8171244882
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xii +108 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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अपने वैचारिक चिंतन, व्यावहारिक समयबोध और स्तरीय लेखन के ज़रिए डॉ० अमर सिंह वधान हिन्दी साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठापूर्ण स्थान प्राप्त कर चुके हैं। 'समकालीन हिन्दी कहानी', 'भाषा और सूचना प्रौद्योगिकीय', 'भाषा साहित्य और संस्कृति', 'साहित्य और उत्तर संस्कृति', '21वीं सदी से संवाद' आदि डॉ. वधान की बहुचर्चित कृतियाँ साक्षी हैं कि वे समय की आहट को ध्यान से सुनते हैं, उसके रुख को बारीकी से पहचानते हैं और समय को अपने आगे नहीं निकलने देते। एक लेखक के रूप में डॉ. वधान असाधारण इस वज़ह से हैं कि वे अपनी बात जोखिम उठाकर कहते हैं, लेकिन संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ते हैं। महानगरीय परिवेश में रहते हुए भी उन्होंने सादगी, सदाचार और मनुष्यता का दामन नहीं छोड़ा। डॉ. वधान का मानना है कि किसी देश, समाज, धर्म और व्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए सेवा, त्याग और बलिदान की आवश्यकता होती है। इसी निकष पर रचित उनकी नवीनतम कृति 'सिख धर्म और संस्कृति' प्रतिपादित करती है कि सिख गुरुओं ने अपने धर्म, दर्शन, विचारधारा, अन्त: प्रक्रिया त्याग और कुर्बानियों से आने वाली शताब्दियों तक मनुष्य को जीवन जीने एवं मुक्ति का सही ढंग बता दिया। इस पुस्तक में दर्ज सिख धर्म, दर्शन, विचारधारा आदि ग्रंथ, मानव मूल्य, पंजाबी संस्कृति एवं सामाजिक शक्ति, सिख शहीदी, भक्ति और शक्ति आदि विषयक विमर्श एवं निष्कर्ष स्थापित करते हैं कि आत्मकेन्द्रित और कृत्रिम संस्कृति से दु:खी आज का मनुष्य सिख गुरुओं के बताए गए मार्ग पर चलकर ही आनंद, खुशी एवं शांति प्राप्त कर सकता है। अपने नए युगबोध, सामाजिक एवं राजनीतिक सवालों, सक्रिय व गतिशील सच्चाई को उद्घाटित करती यह अप्रतिम पुस्तक सिख धर्म, दर्शन और संस्कृति के क्षेत्र में अपना एक सार्थक एवं निर्णायक स्थान प्राप्त करेगी, यह तय है।