Uttarshati Ke Upanyason Mein Stri / उत्तरशती के उपन्यासों में स्त्री
Author
: Shashikala Tripathi
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2017, 2nd Edition
ISBN
: 9789351461739
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: 180 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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स्त्री-मुक्ति संघर्ष के दो आयाम हैं-परिवार और समाज। दोनों ही संस्थानों में स्त्री द्वितीय, पराधीन और उत्पीडि़ता रही है। इन प्रचलित मान्यताओं से टकराती आज की स्त्री का मुक्ति-संघर्ष घर-परिवार से शुरू होता है फिर समाज की अनेकायामिता में वह अपना अस्तित्व गढ़ती है। समाज की मुख्यधारा में प्रविष्ट होती है। उसने अपनी सृजनात्मकता को पहचाना है। वैचारिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि क्षेत्रों में उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह उपस्थिति क्या स्वतन्त्र होना नहीं है? पर, दु:खद सत्य यह भी है कि स्त्री को कैसा होना चाहिए, और क्या करना चाहिए, यह निर्णय आज की तारीख में भी पुरुष ही कर रहा है। अत: प्रस्तुत पुस्तकस्त्री-मुक्ति संघर्ष का ही एक अभियान है। मगर, आलोचनात्मक रु$ख के साथ। आलोचना, रचना की तुलना में समृद्ध नहींं है। रचना में जितनी उर्वरता, भिन्नता रही है, उतनी ही आलोचना संकटापन्न मानी जाती रही है। आलोचना अपने स्वरूप में सोते जैसी रही है। आलोचना के क्षेत्र में कुछ लेखिकाओं की सक्रियता के बावजूद उनकी गणना प्राय: नहीं की जाती। प्रस्तुत पुस्तक आलोचना के इस शून्य को भी भरने का एक प्रयत्न है। फिलहाल, पुस्तक अपनी विशिष्टताओं और न्यूनताओं के साथ प्रस्तुत है।